5 Easy Facts About shiv chalisa lyrics in telugu Described

वटाधोनिवासं महाट्टाट्टहासं महापापनाशं सदासुप्रकाशम् ।

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।।

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥

From Sati arrived the usage of the ritual “suicide” of widows who were being immolated by their partner’s relatives on the funeral pyre in their partner, usually since the wife could divert part of the relatives fortune by marrying another person, or by returning to her household and taking the initial dowry with her.

भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।

चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥

अर्थ- हे शिव शंकर आप तो संकटों का नाश करने वाले हो, भक्तों का कल्याण व बाधाओं को दूर करने वाले हो योगी यति ऋषि मुनि सभी आपका ध्यान लगाते हैं। शारद नारद सभी आपको शीश नवाते हैं।

सोमवार के दिन आप सब से जल्दी उठ जाए और उसके बाद स्नान करें फिर पूजा घर में शिव जी माता पार्वती और नंदी को स्थापित करें तथा उन पर गंगा जल चढ़ाएं उसके उपरांत भगवान शिव की प्रतिमा पर तिलक लगाएं और पूजा आरंभ करें ध्यान रखें जी आप सबसे पहले गणेश भगवान की आरती करें website और उसके बाद ही आप शिवजी की चालीसा करें शिवजी पर बेलपत्र अवश्य चढ़ाएं.

कहा जाता है कि भगवान शिव की पूजा जितनी की जाए उतनी ही कम है भगवान शिव की कृपा भी सबसे अधिक मानी जाती है क्योंकि जो व्यक्ति शिव भगवान की पूजा करता है और भगवान शिव अगर उस पर प्रसन्न होते हैं तो उस पर सदैव अपनी कृपा बनाए रखते हैं तथा उनकी प्रत्येक मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे । शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥

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